देशभर के लाखों पेंशनर्स के लिए एक अहम अपडेट सामने आया है। लंबे समय से पेंशन में आयु के अनुसार बढ़ोतरी की मांग की जा रही थी। अब संसद की एक स्थायी समिति ने इस दिशा में महत्वपूर्ण सिफारिशें की हैं।
फिलहाल केंद्र सरकार की पेंशन योजना के तहत 80 वर्ष की आयु पूरी करने पर ही अतिरिक्त पेंशन का प्रावधान है। लेकिन अब समिति चाहती है कि यह सुविधा 65 वर्ष की उम्र से ही शुरू कर दी जाए।
क्या है नई सिफारिश का प्रस्ताव?
संसदीय समिति ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि बढ़ती उम्र के साथ स्वास्थ्य और जीवनयापन के बढ़ते खर्चों को देखते हुए वरिष्ठ पेंशनभोगियों को समय पर आर्थिक सहारा दिया जाए। सिफारिशें कुछ इस प्रकार हैं:
- 65 वर्ष पर पेंशन में 5% की वृद्धि।
- 70 वर्ष पर पेंशन में कुल 10% की वृद्धि।
- 75 वर्ष की उम्र में 15% की अतिरिक्त बढ़ोतरी।
- 80 वर्ष की उम्र के बाद पहले जैसी 20% बढ़ोतरी जारी रहे।
समिति का कहना है कि 65 साल से ही बुजुर्गों की दवाइयों, देखभाल और चिकित्सा खर्चों में बढ़ोतरी हो जाती है, इसलिए उन्हें इस उम्र से ही अतिरिक्त सहयोग मिलना चाहिए।
वर्तमान में क्या है व्यवस्था?
वर्तमान में केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार पेंशन में अतिरिक्त वृद्धि इस प्रकार होती है:
- 80 वर्ष: 20% अतिरिक्त पेंशन
- 85 वर्ष: 30%
- 90 वर्ष: 40%
- 95 वर्ष: 50%
- 100 वर्ष: 100%
लेकिन आंकड़े बताते हैं कि एक बड़ी संख्या में पेंशनर्स 80 की उम्र तक पहुंचने से पहले ही दुनिया से विदा हो जाते हैं। ऐसे में वे इस लाभ से वंचित रह जाते हैं।
क्या सरकार इन सिफारिशों को स्वीकार करेगी?
यह एक बड़ा सवाल है। पेंशनर्स संगठनों ने सरकार से बार-बार यह मांग की है कि 65 वर्ष से ही पेंशन में बढ़ोतरी शुरू की जाए। इस विषय पर वित्त मंत्रालय और कार्मिक विभाग को कई ज्ञापन भी सौंपे जा चुके हैं।
हालांकि सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन संभावना है कि आने वाली कैबिनेट बैठकों में इस पर विचार किया जा सकता है।
अगर लागू हुआ तो पेंशनर्स को होंगे ये फायदे
- समय से पहले आर्थिक सहायता: अब 80 साल का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
- स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार: बढ़ी हुई पेंशन से दवाइयों, अस्पताल और देखभाल में मदद मिलेगी।
- आजीविका में सम्मान: वृद्धावस्था में आत्मनिर्भरता और गरिमा बनी रहेगी।
उदाहरण के लिए, अगर किसी की मासिक पेंशन ₹10,000 है, तो 65 साल की उम्र में वह बढ़कर ₹10,500 हो जाएगी, और 75 की उम्र तक ₹11,500 तक पहुंच सकती है।
निष्कर्ष: क्या मिलेगा बुजुर्गों को उनका हक?
संसद की यह सिफारिश पेंशनर्स के लिए एक नई आशा की किरण है। यदि इसे लागू किया जाता है तो यह एक ऐतिहासिक कदम होगा जो करोड़ों बुजुर्गों को न सिर्फ आर्थिक राहत देगा बल्कि उन्हें सामाजिक सुरक्षा और सम्मान का एहसास भी कराएगा।
अब नजरें सरकार पर हैं — क्या वह इस सिफारिश पर मुहर लगाएगी या फिर पेंशनर्स को और इंतजार करना पड़ेगा?

मेरा नाम एन. डी. यादव है। मुझे लेखन के क्षेत्र में 6 वर्षों का अनुभव है। मैंने अपने लेखनी के दौरान सरकारी नीतियों, कर्मचारियों और पेन्शनभोगियो के लाभ, पेंशन योजनाओं और जनकल्याणकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों को आप तक सरल और स्पष्ट भाषा में पहुंचाने का कार्य किया है।
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