बिग ब्रेकिंग, पेंशनभोगियों के लिए डॉ. जितेंद्र सिंह ने खुले मंच से किया ऐलान

गुवाहाटी, 1 जून 2025 – “सरकारी सेवा से रिटायर होना, नागरिक जीवन से रिटायरमेंट नहीं है।” यह संदेश केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने उन सैकड़ों कर्मचारियो को दिया जो सेवानिवृत्ति की दहलीज पर खड़े हैं। इस भावनात्मक और प्रेरणादायक वक्तव्य ने हर कर्मचारी को आत्ममंथन के लिए प्रेरित किया।

डॉ. जितेंद्र सिंह, जो PMO और कार्मिक मंत्रालय के तहत मंत्री हैं, ने 56वीं सेवानिवृत्ति-पूर्व परामर्श कार्यशाला (PRC) और 9वें बैंकर्स जागरूकता कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि सेवानिवृत्ति को एक अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत मानना चाहिए।

60 की उम्र में चरम ऊर्जा और अनुभव: सेवानिवृत्त कर्मचारी देश के लिए अमूल्य

उन्होंने कहा कि अधिकांश कर्मचारी 60 की उम्र में अपनी पूर्ण ऊर्जा और विशेषज्ञता के शिखर पर होते हैं। ऐसे में उन्हें केवल ‘पेंशनधारी’ नहीं, बल्कि “राष्ट्र निर्माण में भागीदार” के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री के विज़न का हवाला देते हुए कहा कि हर नागरिक को विकसित भारत के निर्माण में योगदान देना चाहिए।

‘भविष्य’ पोर्टल और डिजिटल सुधारों से आसान हुई पेंशन प्रक्रिया

गुवाहाटी में आयोजित इस कार्यशाला में पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) द्वारा पेंशन सुधार, डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (DLC), सीजीएचएस स्वास्थ्य सुविधाएं, वित्तीय योजना, और ‘भविष्य’ पोर्टल जैसे नवाचारों पर तकनीकी सत्र हुए।

इसका उद्देश्य सेवानिवृत्त कर्मचारियों को न केवल कागजी कार्यों के लिए, बल्कि मानसिक और भावनात्मक दृष्टि से भी सेवानिवृत्ति के बाद के जीवन के लिए तैयार करना था।

‘वह दौर गया जब पहली पेंशन के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता था’

डॉ. सिंह ने कहा कि पहले रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को महीनों ऑफिस-दर-ऑफिस दौड़ना पड़ता था। लेकिन अब डिजिटल PPO, फेस ऑथेंटिकेशन, और एकीकृत पेंशन पोर्टल जैसी तकनीकों ने इस प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बना दिया है।

सेवानिवृत्त कर्मचारियो के लिए बनेगा राष्ट्रीय डेटाबेस

केंद्रीय मंत्री ने एक अनूठा प्रस्ताव रखते हुए कहा कि जल्द ही सेवानिवृत्त अधिकारियों का एक राष्ट्रीय प्रोफ़ाइल डेटाबेस तैयार किया जाएगा। इसमें उनकी विशेषज्ञता, अनुभव, और पसंदीदा कार्य क्षेत्रों को जोड़ा जाएगा ताकि मंत्रालय या विभाग परामर्श हेतु उन्हें नीति-निर्माण या सलाहकार की भूमिका में शामिल कर सकें।

मानवीय दृष्टिकोण: तलाकशुदा बेटियों, विधवाओं और लापता कर्मियों के परिवारों पर विशेष ध्यान

डॉ. सिंह ने उभरती सामाजिक आवश्यकताओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सरकार अब तलाकशुदा बेटियों को पेंशन लाभों में शामिल करने, विधवाओं की प्रक्रिया को त्वरित करने और लापता कर्मियों के परिवारों के लिए संवेदनशील निर्णय ले रही है।

स्टार्टअप्स और नई शुरुआत का अवसर है रिटायरमेंट

उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि एक सेवानिवृत्त वैज्ञानिक ने मिलेट्स (मोटे अनाज) पर आधारित सफल स्टार्टअप शुरू किया। इसी तरह कई कर्मचारी अपने रचनात्मक शौक जैसे लेखन, संगीत और सामाजिक कार्यों में सक्रिय हो रहे हैं।

हंसी-मजाक के अंदाज़ में उन्होंने कहा, “अगर कोई कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद गायक बनना चाहता है, तो हम ऑल इंडिया रेडियो में ऑडिशन कराने में भी मदद करेंगे।” इस पर सभागार में ठहाके और तालियों की गूंज उठी।

निष्क्रिय नहीं, सक्रिय नागरिक बनें: डॉ. सिंह की प्रेरणा

कार्यक्रम के समापन पर डॉ. सिंह ने सभी सेवानिवृत्त होने जा रहे अधिकारियों से अपील की कि वे खुद को निष्क्रिय पेंशनधारी नहीं, बल्कि सक्रिय राष्ट्र निर्माता समझें।

उन्होंने कहा, “आप सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त हो रहे हैं, नागरिक के रूप में नहीं। आपकी सबसे बड़ी उपलब्धियाँ अभी आनी बाकी हैं।”

प्रमुख हितधारकों की भागीदारी

इस प्रेरणादायक कार्यक्रम में DOPPW के सचिव श्री वी. श्रीनिवास, संयुक्त सचिव श्री ध्रुबज्योति सेनगुप्ता, एसबीआई के उप प्रबंध निदेशक श्री शमशेर सिंह, स्वास्थ्य मंत्रालय की अपर सचिव सुश्री रोली सिंह, बीएसएफ के आईजी श्री संजय गौड़, और पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक श्री चेतन श्रीवास्तव सहित कई प्रमुख अधिकारी मौजूद थे।

विकसित भारत 2047: वरिष्ठ नागरिकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण

जैसे-जैसे भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की ओर बढ़ रहा है, ऐसे कार्यक्रम यह सुनिश्चित करते हैं कि देश की बौद्धिक संपदा — हमारे अनुभवी अधिकारी — पीछे नहीं छूटें। डॉ. जितेंद्र सिंह का यह संदेश समय की पुकार है कि “सेवा समाप्त हो सकती है, लेकिन योगदान कभी नहीं रुकता।”

1 thought on “बिग ब्रेकिंग, पेंशनभोगियों के लिए डॉ. जितेंद्र सिंह ने खुले मंच से किया ऐलान”

  1. Pensioners should get DA on fixed medical allowances.Super Senior Citizens may be allowed free treatments at CGHS paneled hospitals or reimbursed in emergency cases.
    Second,During service many government employees were getting family planning increment but it’s not included in pensions benefit I.e.50% of last increments

    Reply

Leave a Comment