केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते (Dearness Allowance – DA) को लेकर दो बड़ी अपडेट सामने आई हैं। पहली अपडेट है जनवरी 2025 से लागू महंगाई भत्ते का आदेश, जिसे वित्त मंत्रालय ने 2 अप्रैल 2025 को जारी कर दिया है। वहीं दूसरी और ज़्यादा अहम अपडेट है जुलाई 2025 से मिलने वाले महंगाई भत्ते को लेकर, जिसकी गणना अब फरवरी 2025 के आंकड़ों पर शुरू हो गई है।
फरवरी 2025 का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक: कर्मचारियों के लिए चिंता की वजह
श्रम ब्यूरो द्वारा 1 अप्रैल 2025 को फरवरी 2025 का अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPIN) जारी किया गया। इसमें 0.4 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे नया सूचकांक 142.5 पर आ गया है। लगातार दूसरे महीने सूचकांक में गिरावट देखने को मिली है — जनवरी 2025 में भी गिरावट दर्ज की गई थी।
मुद्रास्फीति दर में भारी गिरावट
- फरवरी 2024 में मुद्रास्फीति दर: 4.90%
- फरवरी 2025 में मुद्रास्फीति दर: 2.59%
यानी कि महंगाई दर में करीब आधी गिरावट दर्ज की गई है। आंकड़ों के अनुसार महंगाई भत्ता कम हो रहा है, लेकिन ज़मीनी हकीकत में महंगाई का बोझ कम होता नहीं दिख रहा।
कौन-से समूहों का क्या योगदान रहा?
समूह | जनवरी 2025 | फरवरी 2025 | परिवर्तन |
---|---|---|---|
खाद्य एवं पेय पदार्थ | 148.3 | 146.8 | कमी |
पान, सुपारी, तंबाकू एवं नशीले पदार्थ | — | — | 2.2 अंक की बढ़ोतरी |
कपड़े एवं जूते | 147.2 | 148.4 | बढ़ोतरी |
आवास | 134.6 | 134.6 | स्थिर |
ईंधन एवं प्रकाश | — | 148.5 | स्थिर |
विविध | 138.6 | 139.0 | बढ़ोतरी |
इन आंकड़ों के आधार पर जनवरी में जो कुल AICPIN 143.2 था, वह अब घटकर 142.5 रह गया है।
जुलाई 2025 से DA में कितनी होगी बढ़ोतरी?
दिसंबर 2024 तक के आंकड़ों के आधार पर जनवरी 2025 से 55% DA को मंजूरी मिली थी। अब फरवरी 2025 तक के आंकड़ों को जोड़ने के बाद DA में सिर्फ 1% की बढ़ोतरी देखी गई है, यानी कि अभी तक DA 56.72% तक पहुंच चुका है।
हालांकि, मार्च, अप्रैल, मई और जून 2025 के आंकड़े अभी आना बाकी हैं। इन्हीं चार महीनों के आंकड़ों के आधार पर तय होगा कि जुलाई 2025 से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को कितना DA मिलेगा।
निष्कर्ष: आंकड़े कम, महंगाई ज़्यादा?
जहां सरकारी आंकड़े महंगाई को कम बता रहे हैं, वहीं आम जनता महंगाई से परेशान है। ऐसे में यह समझना मुश्किल हो गया है कि आखिर कौन-सा फार्मूला अपनाया जा रहा है जिसकी वजह से आंकड़ों में गिरावट दिख रही है।
आपकी क्या राय है? क्या वाकई महंगाई कम हुई है या फिर आंकड़ों का खेल चल रहा है? कमेंट करके ज़रूर बताएं।

मेरा नाम एन. डी. यादव है। मुझे लेखन के क्षेत्र में 6 वर्षों का अनुभव है। मैंने अपने लेखनी के दौरान सरकारी नीतियों, कर्मचारियों और पेन्शनभोगियो के लाभ, पेंशन योजनाओं और जनकल्याणकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों को आप तक सरल और स्पष्ट भाषा में पहुंचाने का कार्य किया है।
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