- EPS-1995 (Employees’ Pension Scheme) के तहत कर्मचारी की पेंशन उसके वेतन का 8.33% अंशदान होता है, लेकिन यह अंशदान एक सीमित वेतन (पहले ₹5000, फिर ₹6500 और बाद में ₹15,000 तक) पर ही लागू होता था।
- अगर कोई कर्मचारी इस वेतन सीमा से अधिक वेतन लेता था और चाहे तो संयुक्त विकल्प (Joint Option) के जरिए पूरी सैलरी पर अंशदान कर सकता था। इसके लिए कर्मचारी और नियोक्ता दोनों की सहमति जरूरी थी।
🔹 2014 का संशोधन:
- सितंबर 2014 में सरकार ने इस संयुक्त विकल्प की सुविधा को हटा दिया और कहा कि केवल पहले से अंशदान करने वाले कर्मचारी ही 6 महीने में आवेदन करके उच्च पेंशन का विकल्प चुन सकते हैं।
- साथ ही, सरकार ने यह भी शर्त रखी कि उन्हें अतिरिक्त 1.16% अंशदान भी करना होगा।
🧑⚖️ सुप्रीम कोर्ट का फैसला (नवंबर 2022):
सुप्रीम कोर्ट ने EPFO बनाम सुनील कुमार बी केस में ये आदेश दिए:
- पेंशन कोई सौगात नहीं बल्कि कानूनी अधिकार है।
- 1.16% का अतिरिक्त अंशदान अवैध घोषित किया गया।
- संयुक्त विकल्प की समय-सीमा (6 महीने) भी गलत बताई गई।
- पूर्व 1 सितंबर 2014 सदस्य अगर उन्होंने विकल्प नहीं चुना था, तो अब वे उच्च पेंशन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- लेकिन जो कर्मचारी 1 सितंबर 2014 से पहले रिटायर हो चुके थे और विकल्प नहीं चुना था, वे इस सुविधा के पात्र नहीं होंगे।
📑 फैसले के बाद उत्पन्न समस्याएं:
1. EPFO का सर्कुलर (29 दिसंबर 2022):
- EPFO ने कहा कि उच्च पेंशन के लिए आवेदन करने वालों को यह सबूत देना होगा कि:
- उन्होंने और नियोक्ता ने पहले संयुक्त विकल्प चुना था।
- उन्होंने पूरी सैलरी पर EPF और EPS में अंशदान किया था।
2. अस्पष्ट दिशा-निर्देश:
- EPFO ने यह स्पष्ट नहीं किया कि “संयुक्त विकल्प का प्रमाण” क्या होगा?
- नतीजतन बहुत सारे आवेदन सबूत की कमी के कारण खारिज हो गए।
3. हजारों आवेदनों की रिजेक्शन:
- मार्च 2025 तक, आधे से ज्यादा आवेदन रिजेक्ट हो चुके थे।
- आवेदन अस्वीकार होने के बाद कर्मचारियों को हाई कोर्ट जाना पड़ रहा है।
📌 कर्मचारियों के लिए जरूरी बातें:
यदि आप 1 सितंबर 2014 से पहले EPS में सदस्य थे और आपने उस समय उच्च पेंशन का विकल्प नहीं चुना था, तो अब आपके पास मौका है:
✅ अब आप कर सकते हैं:
- संयुक्त विकल्प का प्रमाण और वेतन के अनुसार EPF/EPS में योगदान का प्रमाण दिखाकर दोबारा आवेदन कर सकते हैं।
⚠️ ध्यान रखें:
- अगर आप 1 सितंबर 2014 से पहले रिटायर हो चुके थे और आपने उच्च पेंशन के लिए विकल्प नहीं चुना था, तो अब आप पात्र नहीं हैं।
🔎 क्या करें आगे?
- EPFO पोर्टल पर जाकर अपने उच्च पेंशन आवेदन की स्थिति जांचें।
- यदि रिजेक्ट हुआ है, तो EPFiGMS पर शिकायत दर्ज करें या कानूनी रास्ता अपनाएं।
- अपने पुराने संयुक्त विकल्प फॉर्म, सैलरी स्लिप और अंशदान रिकॉर्ड इकट्ठा करें।
- अगर जरूरत हो, तो हाई कोर्ट में याचिका डालें, क्योंकि कई कर्मचारी यही कर रहे हैं।
📣 निष्कर्ष:
सुप्रीम कोर्ट ने उच्च पेंशन को कर्मचारी का अधिकार माना है, लेकिन EPFO द्वारा मांगे गए दस्तावेजों और प्रक्रिया में अस्पष्टता के कारण लाखों कर्मचारी आज भी संघर्ष कर रहे हैं। सही दस्तावेज और जानकारी के साथ आप अपना दावा फिर से कर सकते हैं।

मेरा नाम एन. डी. यादव है। मुझे लेखन के क्षेत्र में 6 वर्षों का अनुभव है। मैंने अपने लेखनी के दौरान सरकारी नीतियों, कर्मचारियों और पेन्शनभोगियो के लाभ, पेंशन योजनाओं और जनकल्याणकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों को आप तक सरल और स्पष्ट भाषा में पहुंचाने का कार्य किया है।
मेरे लेखों का उद्देश्य लोगों को सही, सटीक और विश्वसनीय जानकारी प्रदान करना है। मैं अपने लेख में हमेशा यह प्रयास करता हूं कि भाषा सरल हो, जानकारी उपयोगी हो और पाठक को किसी भी विषय को समझने में कठिनाई न हो।