देश के करोड़ो पेंशनभोगियों के FMA, Commutation और EPS पेंशन पर बड़ी खबर आ चुकी है जो हर पेंशनभोगी को जानना बेहद ही जरूरी है। आपको बता दु कि ऐसे करोड़ों पेंशनर्स, जो अपने जीवन का सुनहरा दौर सरकारी नौकरियों, रेलवे, पीएफ ऑफिसों, और सार्वजनिक उपक्रमों में खपा चुके हैं — आज अपने बुढ़ापे में संघर्ष की ज़िंदगी जी रहे हैं। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि उनकी वर्षों पुरानी आवाज़ सरकार तक पहुँचने लगी है।
तीन बड़े मुद्दे हैं जिन पर केंद्र सरकार जल्द बड़ा निर्णय ले सकती है:
1. Fixed Medical Allowance (FMA) ₹1000 से बढ़ाकर ₹3000 हो सकता है
आप सोचिए — आज के ज़माने में ₹1000 में कोई पेंशनर महीने भर की दवा कैसे खरीदे? सरकारी रिपोर्टों और पेंशनर्स के संगठनों ने लंबे समय से FMA को ₹3000 प्रति माह करने की सिफारिश की है पर सरकार के कानों तक जूं तक नही रेंग रही है।
क्यों ज़रूरी है ये बढ़ोतरी?
- मात्र 1000 रुपये में कुछ नही होता है। अस्पतालों की फीस आम आदमी के बस से बाहर है।
- सरकारी अस्पतालों की हालत किसी से छिपी नहीं
- हर पेंशनर को न तो CGHS सुविधा मिलती है, न ही मुफ्त इलाज
- इसलिए FMA में बढ़ोतरी जरूरी है।
अब समय आ गया है कि सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना होगा।
2. EPS-95 पेंशन को ₹7500 + महंगाई भत्ता (DA) देने की ज़ोरदार मांग
EPS-95 पेंशनर्स की मौजूदा पेंशन ₹1000 से ₹2500 के बीच है — और इसी में उन्हें दवा, किराया, राशन, बिजली सबकुछ चलाना होता है।
पेंशनर्स क्या मांग रहे हैं?
- ₹7500 की न्यूनतम मासिक पेंशन
- नियमित महंगाई भत्ता (DA)
- मुफ्त चिकित्सा और जीवन बीमा की सुविधा
यह सिर्फ मांग नहीं, बल्कि उनके जीवन का आधार बन चुका है।
सरकार से बातचीत में कुछ सकारात्मक संकेत मिले हैं, लेकिन फैसला कब आएगा, यह देखने वाली बात होगी।
3. कम्युटेशन की बहाली अब 15 साल नहीं, 12 साल में हो सकती है
आज रिटायर पेंशनर्स को अगर उन्होंने पेंशन का हिस्सा एकमुश्त लिया हो (Commutation), तो उसे फिर से बहाल होने में पूरे 15 साल लग जाते हैं।
क्या बदलाव प्रस्तावित है?
- 15 साल की जगह 12 साल में कम्युटेड राशि के बाद पूरी पेंशन फिर मिलने लगे
- यह बदलाव लाखों पेंशनर्स के लिए जीवन रेखा साबित हो सकता है
- अधिक उम्र वाले पेंशनर्स को जल्दी लाभ मिलेगा
सरकारी स्तर पर फाइलें चल रही हैं, और कई कर्मचारी संगठन इसकी जल्द घोषणा की उम्मीद कर रहे हैं।
सरकार से उम्मीदें क्यों बढ़ रही हैं?
सरकार को बुज़ुर्गों की बात सुननी ही होगी। EPS-95 पेंशनर्स की तादाद लाखों में है, और उनका दुख केवल एक वर्ग की नहीं, पूरे देश की संवेदना बन चुका है।
निष्कर्ष: अब भी समय है — सरकार को न्याय करना होगा
“बुजुर्गों का आशीर्वाद मिले तो देश की नींव मजबूत होती है।” अगर सरकार ने EPS-95 पेंशन, FMA और कम्युटेशन के मुद्दों पर जल्द ठोस निर्णय लिया, तो यह न सिर्फ सामाजिक न्याय होगा, बल्कि एक मानवीय कर्तव्य भी।
पेंशन सिर्फ रकम नहीं होती, यह उन हाथों का सम्मान है जिन्होंने देश के निर्माण में योगदान दिया है।
लेखक: N D Yadav (Senior Blogger & Social Affairs Writer)

मेरा नाम एन. डी. यादव है। मुझे लेखन के क्षेत्र में 6 वर्षों का अनुभव है। मैंने अपने लेखनी के दौरान सरकारी नीतियों, कर्मचारियों और पेन्शनभोगियो के लाभ, पेंशन योजनाओं और जनकल्याणकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों को आप तक सरल और स्पष्ट भाषा में पहुंचाने का कार्य किया है।
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