खुशखबरी, पेंशनभोगियों को शानदार तोहफा, सरकार ने सुन ली पेंशनभोगियों की आवाज़!

4 जून 2025 को नई दिल्ली में आयोजित 13वीं पेंशन अदालत में डॉ. जितेन्द्र सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब किसी भी पेंशनभोगी को पेंशन जैसी मूलभूत सुविधा के लिए भटकने की ज़रूरत नहीं होगी।

13वीं अखिल भारतीय पेंशन अदालत में डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि

“पेंशन कोई दया नहीं, यह आपका अधिकार है – और अधिकार के लिए आपको अब लड़ना नहीं, बस बताना है।” डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा – “जो जीवनभर देश के लिए जिए, उनके अधिकारों में देरी नहीं होनी चाहिए”

सेवानिवृत्त जीवन को गरिमामय बनाने की दिशा में बड़ा कद

उन्होंने जोर देकर कहा कि पेंशनभोगी सिर्फ लाभार्थी नहीं, बल्कि “प्रशासनिक परिवार के सम्मानित सदस्य” हैं, और उनके साथ उसी संवेदनशीलता से व्यवहार होना चाहिए।

25,000 से अधिक शिकायतें, 71% का समाधान – यह सिर्फ आँकड़ा नहीं, उम्मीद की जीत है

  • अब तक 13 पेंशन अदालतें आयोजित की जा चुकी हैं
  • कुल 25,416 शिकायतें दर्ज, जिनमें से 18,157 मामलों का समाधान
  • समाधान दर: 71% से अधिक

इन आँकड़ों ने यह साबित कर दिया है कि अब सरकार कागज़ों में नहीं, ज़मीन पर बदलाव लाने की दिशा में काम कर रही है।

36 साल बाद न्याय, उसी दिन ₹20 लाख की पेंशन – जब न्याय खुद चलकर आपके दरवाज़े आए

डॉ. सिंह ने दो भावनात्मक कहानियाँ साझा कीं:

  • जसोदा देवी, जिन्हें 36 साल बाद उनका पेंशन हक मिला
  • अनीता कनिक रानी, जिनकी शिकायत पर अदालत ने तुरंत सुनवाई कर उसी दिन ₹20 लाख पारिवारिक पेंशन दिलाई

ये घटनाएं केवल पेंशन की नहीं, बल्कि विश्वास की वापसी की कहानियाँ हैं।

महिलाओं की आवाज़ को मिली प्राथमिकता

इस वर्ष की अदालत का फोकस पारिवारिक पेंशन और महिलाओं से जुड़ी शिकायतों पर था।
अधिकतर मामलों में शिकायतकर्ता माताएं, विधवाएं और बुजुर्ग महिलाएं थीं – और सरकार ने उन्हें प्राथमिकता देते हुए त्वरित न्याय सुनिश्चित किया।

अब न्याय सिर्फ अदालत तक सीमित नहीं – डिजिटल प्लेटफॉर्म से भी तुरंत समाधान

डॉ. सिंह ने CPENGRAMS पोर्टल का ज़िक्र करते हुए कहा कि अब पेंशनभोगी अपनी शिकायतें घर बैठे ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं और उनका समाधान भी ट्रैक कर सकते हैं।

“ये सिर्फ अदालतें नहीं, सरकार का वादा हैं – कि अब कोई भी आवाज़ अनसुनी नहीं जाएगी।”

“प्रशासनिक परिवार” की सोच – हर पेंशनभोगी की गरिमा बहाल

केंद्रीय मंत्री ने विभागों से अपील की कि वे पेंशनभोगियों को केवल एक लाभार्थी नहीं, बल्कि सम्मानित साथी के रूप में देखें।

उन्होंने कहा कि:

  • ज्यादातर शिकायतें प्रक्रियागत देरी की वजह से होती हैं
  • यदि विभागों में सामंजस्य और जवाबदेही हो तो ये समस्याएं जड़ से खत्म की जा सकती हैं

“बहादुर सैनिक और वीर नारियां” – 12वीं अदालत की कहानियों की किताब जारी

इस कार्यक्रम में एक विशेष पुस्तिका भी लॉन्च की गई –
जिसमें उन सैनिकों, विधवाओं और सेवानिवृत्त कर्मियों की कहानियां हैं जिन्हें वर्षों की प्रतीक्षा के बाद न्याय मिला।

यह सरकार की उस भावना को दर्शाता है कि
👉 “जो देश के लिए लड़े, सरकार उनके लिए लड़ेगी।”

पेंशन अदालत अब एक वार्षिक परंपरा – भरोसे की मिसाल बन रही है

अब पेंशन अदालतें सिर्फ एक आयोजन नहीं,
बल्कि सरकार और नागरिकों के बीच भरोसे और संवाद का सेतु बन चुकी हैं।

डॉ. सिंह ने यह भी बताया कि:

  • सरलीकृत PPO
  • एकीकृत पोर्टल्स
  • शिकायत डैशबोर्ड
    जैसे सुधारों से पेंशन सिस्टम और भी पारदर्शी और तेज़ हो गया है।

निष्कर्ष: अब पेंशन का मतलब है – समय पर सम्मान

डॉ. जितेन्द्र सिंह का यह संदेश सीधा दिल तक जाता है:

“प्रधानमंत्री का शासन विज़न तब तक अधूरा रहेगा जब तक देश के वरिष्ठ नागरिक खुद को सुरक्षित, सम्मानित और महत्वपूर्ण न महसूस करें।”

अब वक्त आ गया है कि हम अपने सेवानिवृत्त नायकों को न केवल उनका अधिकार दें, बल्कि वह सम्मान भी दें जिसके वे सच्चे हकदार हैं

14 thoughts on “खुशखबरी, पेंशनभोगियों को शानदार तोहफा, सरकार ने सुन ली पेंशनभोगियों की आवाज़!”

  1. Sir now settle BSNL pensioners 7 th pay commission recommendations at par with central Govt Emploees.

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  2. पेंशन अदालत इसी तरह सतत् पेंशन भोगियों की मदद करती रहे। शुभ कामना।

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  3. LIC retired officer/employees ko vahi pension mill Rahi hai jis par ve 2011 me retire huye the.pension ka koi updation nahin hua jabki existing employees/officers ke pension lagatar barh rahi hai.retired employees/officer ko same scale and same rank me pension milni chahiye.

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    • Sir, Rs 2,77,000.00 was deducted from my gratuity because of given MACP was differed due to official misinterpretation. Before date few months of my retirement, a verbal notice served to me for recovery. Please look in to the matter. I was retired from DDK, LUCKNOW as a UDC on 30.06.2021.

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  4. LIC employees/officers ka pension mamla Supreme court me lambe samay se pending hai.High court me apna decision de diya hai lekin supreme court kab faisla dega jab sare retired officers/employees mut jayenge.vah re sarkar aur supreme court.MLAS/MP/HIGH’ COURT JUDGES/SUPREME COURT JUDGES/CHIEF MINISTER/FINANCE MINISTER ON RETIREMENT GETTING MORE PENSION BUT WHY LIC RETIRED EMPLOYEES/OFFICERS should suffer.pl take up the matter with Central Govt.and payment the pension which u r paying to central govt.employees as LIC comes under the jurisdiction of central govt.and amend rules from time to time for payment of salary as also pension so central govt. Is approving everything for LIC employees then why not for pension.

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  5. क्या इपीएस ९५ पेंशनर्स की आवाज भी सुनी जा चुकीं है तो उसकी भी जानकारी जनहित में देने की कुपा करें।

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  6. OPS चालू करा. नौकरी karnaryanni 58 वर्ष देशाची सेवा केली आहे. त्यांना पेंशन मिळायला पाहिजे.

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  7. Govt planning to revise bank pensioner’s pension pending for more than 20 years.Is Govt serious on this issue? FM of 4rth beggest economy ensured but now denying.

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  8. Those who worked for 20/30 years &took VRS from the Sugar Mills under U.P.State Sugar Corp.in 2010,are getting pension amount Rs.1300-1500: approx ,No amt. Increase till now.. When they will get justice from EPFO/Government.

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  9. Those who worked for 20/30 years &took VRS from the Sugar Mills under U.P.State Sugar Corp.in 2010,are getting pension amount Rs.1300-1500: approx ,No amt. Increase till now.. When they will get justice from EPFO/Government.

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  10. Those who worked for 20/30 years &took VRS from the Sugar Mills under U.P.State Sugar Corp.in 2010,are getting pension amount Rs.1300-1500: approx ,No amt. Increase till now.. When they will get justice from EPFO/Government.

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  11. Pension updation for PSU Bank has not been done since more than last three decades, humble request for Pension updation for PSU bank at the earliest .

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