श्री सत्यवीर सिंह यादव भारतीय वायुसेना (IAF) से 11 वर्षों की अधिक सेवा देने के बाद स्वेच्छा से सेवानिवृत्त हुए, क्योंकि उनका एक उच्च पद पर चयन हो गया था। सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने एक नए विभाग (सिविल सेवा) में कार्यभार ग्रहण किया।
उनकी कुल सेवा, नए विभाग में 33 वर्ष की आवश्यक सीमा को पूरा नहीं कर रही थी, इसलिए उन्होंने IAF की सेवा को अपनी नई नौकरी में गणना के लिए शामिल किया, और इसके लिए IAF से मिली ग्रेच्युटी (Gratuity) को ब्याज सहित लौटाया।
लेकिन समय के साथ सरकार ने कई नियम बदले जैसे कि:
- सेवानिवृत्ति की उम्र 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी गई।
- पेंशन के लिए आवश्यक सेवा अवधि 33 से घटाकर 20 वर्ष कर दी गई।
- ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा ₹20 लाख कर दी गई।
अब, जब श्री यादव की कुल सेवा 30+ वर्ष हो चुकी है, तब भी उन्हें:
- किसी प्रकार का अतिरिक्त पेंशन या ग्रेच्युटी लाभ नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि सीमा पहले ही तय कर दी गई है।
- उनके IAF की सेवा को केवल प्रारंभिक लाभों (जैसे सेवा पुस्तिका में गणना) तक सीमित माना गया है।
- Pay Fixation या पदोन्नति में भी उस सेवा का कोई लाभ नहीं मिला।
इससे हताश होकर उन्होंने IAF सेवा को “Uncount” (अवगणित) करने और लौटाई गई ग्रेच्युटी को ब्याज सहित वापस पाने के लिए आवेदन किया, लेकिन विभाग ने इसे अस्वीकृत कर दिया।
इसी बीच, IAF ने पूर्व सैनिकों को Pro Rata Pension (आंशिक सेवा के अनुपात में पेंशन) की सुविधा देना शुरू किया। श्री यादव ने भी इसके लिए आवेदन किया, लेकिन IAF अब उनके वर्तमान विभाग से एक प्रमाणपत्र मांग रहा है जिसमें यह कहा गया हो कि उनकी वायुसेना सेवा गणना में शामिल नहीं की गई है।
यहां वास्तविक समस्या क्या है?
- सेवा को पूर्व में “Counted” किया गया है (चाहे केवल कागज़ों पर ही क्यों न हो), इसलिए अब उसे “Uncount” करना नियमों में कठिन है।
- वर्तमान विभाग उन्हें “Service Not Counted” का प्रमाणपत्र देने को तैयार नहीं है।
- IAF बिना इस प्रमाणपत्र के Pro Rata Pension की सुविधा नहीं दे रहा।
✅ समाधान के संभावित रास्ते
1. DOP&T या Pension Ministry को Represent करें:
आप कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) या पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DOPPW) को एक सुनियोजित Representation भेजें। उसमें बताएं:
- आपने सेवा को Count किया, लेकिन उसका कोई वास्तविक लाभ नहीं मिला।
- अब आप IAF से Pro Rata Pension चाहते हैं, लेकिन वर्तमान विभाग से प्रमाणपत्र नहीं मिल पा रहा है।
- आप Gratuity की वापसी कर चुके हैं, इसलिए अब IAF सेवा को “Uncount” मानने का नैतिक और वित्तीय आधार है।
2. RTI (सूचना का अधिकार) का प्रयोग करें:
आप RTI के माध्यम से अपने विभाग से लिखित रूप में पूछ सकते हैं:
- क्या आपकी वायुसेना सेवा से उन्हें कोई पेंशन लाभ मिला है?
- क्या वह सेवा केवल कैजुअल/प्रारंभिक रूप में दर्ज है या किसी वित्तीय लाभ में भी गिनी गई?
यदि उत्तर “नहीं” आता है तो आप इस दस्तावेज को IAF में जमा कर सकते हैं।
3. CAT या कोर्ट में अपील:
यदि विभाग जवाब नहीं देता या असहयोग करता है, तो आप CAT (Central Administrative Tribunal) में अपील दायर कर सकते हैं कि:
- चूंकि सेवा से कोई वास्तविक लाभ नहीं हुआ,
- और Gratuity लौटाई जा चुकी है,
- इसलिए विभाग को “Service Not Counted” प्रमाणपत्र देना चाहिए या IAF को Pro Rata Pension देने की अनुमति देनी चाहिए।
4. IAF मुख्यालय को व्यक्तिगत विवरण सहित Represent करें:
IAF को एक विस्तृत पत्र भेजें जिसमें लिखें कि:
- आपने Gratuity लौटा दी थी, लेकिन सेवा से आपको कोई वित्तीय लाभ नहीं मिला।
- अब आप Pro Rata Pension के हकदार हैं।
- यदि विभाग प्रमाणपत्र नहीं दे रहा है तो IAF स्वयं “Deemed Uncounted” मानते हुए पेंशन स्वीकृत करे।
निष्कर्ष:
यह मामला उन हजारों कर्मियों की तरह है जिन्होंने फौज से सेवा छोड़कर सिविल में आए और बाद में नीतिगत बदलावों के कारण ना इधर के रहे, ना उधर के।
लेकिन श्री सत्यवीर सिंह यादव जी के मामले में चूंकि:
- उन्होंने Gratuity लौटा दी थी,
- सेवा से उन्हें कोई वास्तविक लाभ नहीं मिला,
- और अब IAF Pro Rata Pension दे रहा है,
इसलिए उन्हें उचित दस्तावेज़ी प्रक्रिया और प्रतिनिधित्व के ज़रिए न्याय मिल सकता है।
🖊️ लेखक: एन डी यादव
(कर्मचारियो, पेंशनभोगियों और सरकारी योजनाओं पर विशेषज्ञ लेखक)

मेरा नाम एन. डी. यादव है। मुझे लेखन के क्षेत्र में 6 वर्षों का अनुभव है। मैंने अपने लेखनी के दौरान सरकारी नीतियों, कर्मचारियों और पेन्शनभोगियो के लाभ, पेंशन योजनाओं और जनकल्याणकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों को आप तक सरल और स्पष्ट भाषा में पहुंचाने का कार्य किया है।
मेरे लेखों का उद्देश्य लोगों को सही, सटीक और विश्वसनीय जानकारी प्रदान करना है। मैं अपने लेख में हमेशा यह प्रयास करता हूं कि भाषा सरल हो, जानकारी उपयोगी हो और पाठक को किसी भी विषय को समझने में कठिनाई न हो।
We retired pensioners of Agricultural University Udaipur, are not getting pension for last few months. University pension fund has finished. The plea of Government of Rajasthan is that university is autonomas body and will not shoulder the responsible of pension payment. University repeatedly sending letters to government that he has no sufficient resources to pay pension. What should we do?
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