कर्मचारियों और पेंशनभोगियो के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आ रही है। लंबे समय से चर्चा में चल रहा आठवां वेतन आयोग (8th Pay Commission) एक बार फिर सुर्खियों में है। माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही आयोग की “टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR)” को मंजूरी दे सकती है। अगर ऐसा हुआ, तो वेतन, भत्ते और पेंशन से जुड़े कई बड़े बदलावों का रास्ता साफ हो जाएगा।
क्या है टर्म्स ऑफ रेफरेंस और क्यों है इसकी जरूरत?
टर्म्स ऑफ रेफरेंस दरअसल वे दिशानिर्देश होते हैं, जिनके आधार पर वेतन आयोग भविष्य की सिफारिशें तय करता है। इनके बिना आयोग की आधिकारिक प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकती। एक बार ToR को हरी झंडी मिल गई, तो कर्मचारियों और सरकार के बीच औपचारिक चर्चा शुरू हो सकेगी।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
वेतन आयोग के गठन से पहले नेशनल काउंसिल (JCM) की ओर से सरकार को TOR भेजे गए हैं। इनमें कुछ अहम मांगे हैं:
1. न्यूनतम वेतन की नए सिरे से गणना
अब तक 3 यूनिट के आधार पर न्यूनतम वेतन तय किया जाता रहा है। JCM ने प्रस्ताव दिया है कि इसे 5 यूनिट के आधार पर तय किया जाए। इसका मतलब यह हुआ कि अब माता-पिता को भी आश्रित मानते हुए वेतन ढांचा तैयार किया जाए।
2. वेतन स्तरों का एकीकरण
कई कर्मचारियों की पदोन्नति लंबे समय से रुकी हुई है। ऐसे में मांग की जा रही है कि लेवल-1 को लेवल-2, और लेवल-3 को लेवल-4 में मिलाया जाए, ताकि पदोन्नति की राह सुगम हो।
3. पेंशन व्यवस्था में बदलाव
- कम्यूटेड पेंशन की बहाली को 12 साल बाद लागू किया जाए।
- हर 5 साल में पेंशन की समीक्षा अनिवार्य की जाए, जिससे पेंशनर महंगाई की मार से बच सकें।
4. महंगाई भत्ते को मूल वेतन में जोड़ने की मांग
फिलहाल महंगाई भत्ता (DA) 55% तक पहुंच चुका है। कर्मचारी संगठनों की मांग है कि इसे फिर से मूल वेतन में शामिल किया जाए, जैसा कि 5वें वेतन आयोग में किया गया था।
5. सभी को एक समान फिटमेंट फैक्टर
TOR में एक समान फिटमेंट फैक्टर की माँग की गई है। फिटमेंट फैक्टर को लेकर भेदभाव ना किया जाय। सभी को फिटमेंट फैक्टर समान मिलना चाहिए, चाहे वो अधिकारी हो या चपरासी। अगर सरकार इस माँग को मान लेती है तो सभी को एक समान फिटमेंट मिलेगा।
क्यों अहम है 8वां वेतन आयोग?
भारत में हर 10 साल में एक बार वेतन आयोग का गठन होता है, और इसका सीधा असर 1 करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनरों पर पड़ता है। यह न सिर्फ वेतन में वृद्धि करता है, बल्कि जीवन स्तर, सेवा शर्तें और रिटायरमेंट प्लानिंग को भी बेहतर बनाता है।
क्या 2026 में लागू होगा?
सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी। लेकिन अब तक आयोग का पैनल गठित नहीं हो सका है। ऐसे में अगर टर्म्स ऑफ रेफरेंस को जल्द मंजूरी नहीं मिली, तो इसकी लागू होने की तारीख 2027 तक टल सकती है। इसलिए TOR को जल्द मंजूरी मिलनी आवश्यक है।
निष्कर्ष
सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों की नजर अब सरकार की अगली घोषणा पर टिकी है। अगर टर्म्स ऑफ रेफरेंस को हरी झंडी मिल जाती है, तो यह न केवल वेतन और भत्तों में बदलाव लाएगा, बल्कि पेंशन से जुड़े सुधारों का भी रास्ता खोलेगा।

मेरा नाम एन. डी. यादव है। मुझे लेखन के क्षेत्र में 6 वर्षों का अनुभव है। मैंने अपने लेखनी के दौरान सरकारी नीतियों, कर्मचारियों और पेन्शनभोगियो के लाभ, पेंशन योजनाओं और जनकल्याणकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों को आप तक सरल और स्पष्ट भाषा में पहुंचाने का कार्य किया है।
मेरे लेखों का उद्देश्य लोगों को सही, सटीक और विश्वसनीय जानकारी प्रदान करना है। मैं अपने लेख में हमेशा यह प्रयास करता हूं कि भाषा सरल हो, जानकारी उपयोगी हो और पाठक को किसी भी विषय को समझने में कठिनाई न हो।
Equal fitment factor may be considered for all grades i.e pay level I to 18 . The fitment factor must be more than 7th CPC considered in 8th CPC for Regular employees and Pensioners.
Secondly the Comutted value of pension should be reduced to 12 years in place of 15 yrs.
This has no generous towards employee and pension as compered to the mps ministers or others .2% DA is nominal in this stage.Moreover the government should redeem the payment of 18% DA denied in 20 21 anlong with 8 th pay benefit which will be really benefit the retired low paid employees in this spiral inflation
This govt has no generous towards employee and pension as compered to the mps ministers or others .2% DA is nominal in this stage.Moreover the government should redeem the payment of 18% DA denied in 20 21 anlong with 8 th pay benefit which will be really benefit the retired low paid employees in this spiral inflation
LTC facility should also be considered as this facility is available for haryana government pensioner,s.
Fixed Medical Allowance for cg pensioners is ₹ 1000 which is too less.A pensioner is unable to bear the expences of medicine due to rising prices of medicine.
Hence I would suggest to increase it to minimum Rs 3000