8वें वेतन आयोग पर सरकार की चुप्पी, मंजीत सिंह पटेल ने उठाए गंभीर सवाल, कहा – “कब जागेगी सरकार?”

देशभर के करोड़ों सरकारी कर्मचारियों की निगाहें लंबे समय से 8वें वेतन आयोग के गठन पर टिकी हैं, लेकिन तीन महीने बीत जाने के बावजूद अभी तक न तो आयोग का गठन हुआ है और न ही सदस्यों या चेयरमैन की नियुक्ति को लेकर कोई आधिकारिक आदेश जारी हुआ है। इस स्थिति को लेकर कर्मचारी नेता मंजीत सिंह पटेल ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है।

डिजिटल मीडिया में अफवाहों की बाढ़, कर्मचारी हो रहे हैं भ्रमित

मंजीत पटेल ने मीडिया में फैल रही गलत खबरों पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि –

“डिजिटल मीडिया में रोज़ नए-नए दावे किए जा रहे हैं। कोई कहता है लेवल-1 से 6 मर्ज हो जाएगा, कोई 2.86 का फिटमेंट फैक्टर बताता है, तो कोई 1.92 का। सच्चाई ये है कि अभी तक आयोग का गठन तक नहीं हुआ है, ऐसे में ये आंकड़े केवल अफवाह हैं।”

उन्होंने सवाल उठाया कि जब तक आधिकारिक सदस्य और चेयरमैन की नियुक्ति नहीं होती, तब तक वेतन आयोग की कोई ठोस रूपरेखा कैसे सामने आ सकती है?

UPS पर फोकस, पर भविष्य को लेकर अनिश्चितता

सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाते हुए पटेल ने कहा कि –

“सरकार अभी #UPS (Universal Pension Scheme) जैसे मुद्दों पर ज्यादा ध्यान दे रही है, जबकि सबसे बड़ी चिंता यह है कि रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी कितने साल जीवित रहेगा – ये भविष्यवाणी करना असंभव है।”

उन्होंने कहा कि NPS और UPS जैसे विकल्पों का फैसला रिटायरमेंट से सिर्फ दो महीने पहले लेने की अनुमति दी जानी चाहिए, ताकि कर्मचारी अपने भविष्य के बारे में समय के हिसाब से सोच-समझ कर निर्णय ले सकें।

प्रधानमंत्री से की अपील

पटेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करें। उन्होंने कहा –

“माननीय प्रधानमंत्री को चाहिए कि वे 8वें वेतन आयोग के गठन के आदेश जल्द से जल्द जारी करें। साथ ही UPS को चुनने का विकल्प भी कर्मचारियों को रिटायरमेंट से दो महीने पहले ही दिया जाए, ताकि वे भ्रमित न हों।”

निष्कर्ष

8वें वेतन आयोग की घोषणा में हो रही देरी से कर्मचारियों में असंतोष गहराता जा रहा है। मंजीत सिंह पटेल जैसे जागरूक कर्मचारी नेताओं की मांगें सरकार के लिए चेतावनी हैं कि अगर जल्द कदम नहीं उठाए गए, तो यह मुद्दा आने वाले समय में बड़ा आंदोलन का रूप भी ले सकता है।

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