हर साल 15 जून को पूरी दुनिया में बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विराग गुप्ता ने बुजुर्गों के अधिकारों और सुरक्षा के लिए जरूरी कानूनों पर विस्तार से जानकारी दी। उनका कहना है कि आज के समय में यह बेहद जरूरी है कि हर बुजुर्ग अपने अधिकारों को जाने और उनका प्रयोग करना सीखे।
जब अपनों से मिले चोट, तो कानून देता है सहारा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 15% बुजुर्ग किसी न किसी प्रकार के दुर्व्यवहार के शिकार होते हैं। भारत में हर महीने 6 से 8 बुजुर्गों के साथ उनके ही परिजन दुर्व्यवहार करते हैं।
विराग गुप्ता कहते हैं:
“बुजुर्गों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 2030 तक भारत में 26 करोड़ वरिष्ठ नागरिक होंगे। ऐसे में उनके साथ दुर्व्यवहार रोकना केवल सामाजिक नहीं, बल्कि कानूनी जिम्मेदारी भी है।”
विराग गुप्ता ने बताए बुजुर्गों के कानूनी अधिकार
1️⃣ भरण-पोषण का अधिकार
यदि कोई बुजुर्ग अपनी आय या संपत्ति से अपने खर्च नहीं उठा पा रहे हैं, तो वे अपने बच्चों, बहू या सौतेले बच्चों से भरण-पोषण की मांग कर सकते हैं।
यह अधिकार उन्हें “माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम, 2007” के तहत प्राप्त है।
👉 कोई भी माता-पिता, चाहे वे जन्मदाता हों या सौतेले, यहां तक कि जिनके कोई संतान नहीं है, वे भी यह दावा कर सकते हैं।
2️⃣ संपत्ति वापसी का अधिकार
अगर किसी ने बुजुर्ग की संपत्ति धोखे से हड़प ली है या उन्हें गलत तरीके से हटाया गया है, तो वे इसे न्यायाधिकरण या सिविल कोर्ट के माध्यम से वापस पा सकते हैं।
विराग गुप्ता के अनुसार:
“यदि संपत्ति बच्चों को केवल सेवा और देखभाल की शर्त पर दी गई थी, और वे उस दायित्व को पूरा नहीं कर रहे, तो बुजुर्ग कानूनी रूप से संपत्ति वापस ले सकते हैं।”
3️⃣ दुर्व्यवहार के खिलाफ शिकायत का अधिकार
मारपीट, अपशब्द, मानसिक प्रताड़ना, इलाज से इनकार या आर्थिक शोषण — ये सभी कानूनी अपराध हैं।
👉 बुजुर्ग बुजुर्ग न्यायाधिकरण, जिला मजिस्ट्रेट या पुलिस थाने में लिखित शिकायत कर सकते हैं।
👉 शिकायत के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता और प्रक्रिया सरल है।
📞 कहां करें शिकायत? विराग गुप्ता ने बताया समाधान
सेवा | नंबर | सहायता |
---|---|---|
वरिष्ठ नागरिक हेल्पलाइन (केंद्र सरकार) | 14567 | बुजुर्गों के लिए समर्पित सहायता |
पुलिस आपातकालीन नंबर | 100 | तुरंत मदद के लिए |
सीनियर सिटिजन सेल (पुलिस) | स्थानीय थाने से संपर्क करें | घरेलू विवाद व दुर्व्यवहार की निगरानी |
⚠️ हेल्पलाइन 14567 पर कॉल करने पर 12 घंटे के भीतर सहायता पहुंचाई जाती है।
संविधान और कानून भी बुजुर्गों के साथ
विराग गुप्ता ने बताया कि हमारे संविधान में भी बुजुर्गों की रक्षा के प्रावधान हैं:
- अनुच्छेद 21 – हर नागरिक को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार
- अनुच्छेद 41 – सरकार बुजुर्गों के कल्याण की नीति बनाए
- HAMA अधिनियम 1956 की धारा 20 – संतान अपने माता-पिता की देखभाल करने को बाध्य है
विराग गुप्ता की अपील: “चुप मत रहिए, आवाज उठाइए”
“दुर्व्यवहार को सहना खुद के साथ अन्याय है। कानून आपके साथ है, बस आपको उसका सहारा लेना आना चाहिए।”
– विराग गुप्ता, सुप्रीम कोर्ट वकील
हमारी भी जिम्मेदारी बनती है
जब हमारे बुजुर्ग अपनों के बीच अपमानित महसूस करें, तो यह केवल उनका नहीं, हमारा भी असफलता है।
15 जून का दिन हमें यह याद दिलाता है कि बुजुर्गों के लिए सम्मान, सुरक्षा और साथ देना हमारी सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी है।
अगर आप बुजुर्ग हैं या किसी बुजुर्ग को कठिनाई में देखते हैं, तो उन्हें ये जानकारी जरूर दीजिए।
“आप अकेले नहीं हैं – अब आपके पास कानून है, और हम सब भी।”
🖊️ लेखक परिचय:
एन डी यादव
4 वर्षों से वरिष्ठ नागरिकों, पेंशनर्स और सरकारी योजनाओं पर लेखन कर रहे हैं।