कर्मचारियो और पेंशनभोगियों के 18 महीने के DA Arrear, पेंशन, महँगाई भत्ते को लेकर बड़ी अपडेट सामने आ चुकी है जो कि हर कर्मचारी और पेंशनभोगी के लिए जानना बेहद ही जरूरी है। तो चलिए खबरों को विस्तार में जान लेते है।
4 जून 2025 को लगेगी पेंशन अदालत, जानिए कहां और कैसे करें शिकायत दर्ज
डीओपीपीडब्ल्यू (पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग) 4 जून 2025 को पेंशन अदालत का आयोजन करने जा रहा है। यह अदालत नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित की जाएगी।
कौन जा सकता है?
- फैमिली पेंशनर्स
- विधवा बेटियां
- तलाकशुदा बेटियां
- पेंशन से जुड़ी कोई भी समस्या रखने वाले लाभार्थी
क्या करें?
- अपनी शिकायतों के दस्तावेज़ साथ लेकर जाएं
- मौके पर ही समाधान की प्रक्रिया होगी
- कुल 417 शिकायतें पेंडिंग हैं, जिनका निपटारा किया जाएगा
सरकार ने फाइनली दिया जवाब: 18 महीने का DA Arrear मिलेगा या नहीं?
लंबे समय से चली आ रही मांग पर सरकार ने अब चुप्पी तोड़ी है।
क्या कहा सरकार ने?
सरकार ने संसद में स्पष्ट किया कि वित्तीय स्थिति कमजोर होने के कारण फिलहाल 18 महीने का डीए एरियर देना संभव नहीं है।
राजकोषीय घाटा FRBM एक्ट की सीमा से दोगुना हो गया है, इसलिए सरकार इस समय यह भुगतान नहीं कर सकती।
कितना है कुल खर्च?
सरकारी रिपोर्ट्स के अनुसार, 18 महीने के डीए एरियर पर कुल खर्च करीब ₹34,402 करोड़ आएगा।
यह राशि सरकार के लिए फिलहाल एकमुश्त देना मुश्किल है।
संगठनों ने सुझाए व्यवहारिक विकल्प
कर्मचारी संगठनों ने सरकार को कुछ सरल और व्यावहारिक सुझाव दिए:
- किश्तों में भुगतान किया जाए
- भविष्य की डीए किस्तों में समायोजित किया जाए
फिर भी सरकार का रवैया कठोर
इन सभी सुझावों को सरकार ने अब तक नज़रअंदाज़ किया है।
बढ़ रही है नाराजगी, चुनाव में असर तय
पेंशनर्स और कर्मचारियों में बढ़ती नाराजगी अब सरकार के लिए राजनीतिक चुनौती बनती जा रही है।
लोग कह रहे हैं –
“अगर हक का पैसा नहीं मिला, तो चुनाव में जवाब मिलेगा!”
क्या कहता है न्यूज़ स्टाफ: जुलाई 2025 में कितना होगा DA/DR
एक्सपर्ट पोर्टल न्यूज़ स्टाफ के अनुसार, जुलाई 2025 में डीए और डीआर 58% तक पहुंचने की संभावना है।
यह अनुमान AICPIN इंडेक्स के आंकड़ों पर आधारित है।
निष्कर्ष: पेंशनर्स को राहत की उम्मीद कम, पर संघर्ष जारी रहेगा
सरकार के जवाब से स्पष्ट है कि 18 महीने का डीए एरियर फिलहाल नहीं मिलेगा। लेकिन पेंशनर्स और कर्मचारी संगठनों का संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है। आने वाले समय में यह मुद्दा फिर गर्मा सकता है, खासकर चुनाव से पहले।

मेरा नाम एन. डी. यादव है। मुझे लेखन के क्षेत्र में 6 वर्षों का अनुभव है। मैंने अपने लेखनी के दौरान सरकारी नीतियों, कर्मचारियों और पेन्शनभोगियो के लाभ, पेंशन योजनाओं और जनकल्याणकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों को आप तक सरल और स्पष्ट भाषा में पहुंचाने का कार्य किया है।
मेरे लेखों का उद्देश्य लोगों को सही, सटीक और विश्वसनीय जानकारी प्रदान करना है। मैं अपने लेख में हमेशा यह प्रयास करता हूं कि भाषा सरल हो, जानकारी उपयोगी हो और पाठक को किसी भी विषय को समझने में कठिनाई न हो।