केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों से जुड़े मुद्दों पर अब बात हवा में नहीं रह गई है। 23 अप्रैल 2025 को हुई 63वीं स्टैंडिंग कमेटी बैठक के मिनट्स (Minutes) अब औपचारिक रूप से जारी कर दिए गए हैं। यह मीटिंग राष्ट्रीय परिषद (JCM) के तहत आयोजित की गई थी, जिसकी अध्यक्षता कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव (P) ने की थी।
इसकी पुष्टि उस सरकारी दस्तावेज़ से होती है, जिसकी कॉपी हमारे पास है और जिसमें साफ तौर पर बताया गया है कि यह मिनट्स 20 मई 2025 को जारी किए गए (देखें संलग्न इमेज)।
क्या था खास इस बैठक में?
इस बैठक में कर्मचारियों की पुरानी और लंबित मांगों को फिर से सामने रखा गया। खासतौर पर वह मुद्दा जो सालों से चर्चा में है — कोविड काल के दौरान रोके गए 18 महीनों के DA/DR का भुगतान।
मांग फिर से दोहराई गई
बैठक में कर्मचारी पक्ष (Staff Side) की ओर से श्री शिव गोपाल मिश्रा (सेक्रेटरी, JCM) ने 18 महीनों के DA/DR की बकाया राशि की बहाली की पुरजोर मांग की। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था जापान से भी ऊपर चली गयी है तो 18 महीने का DA/DR मिलना चाहिए। यह सिर्फ आर्थिक मामला नहीं है, बल्कि न्याय और भरोसे का सवाल है। अगर सरकार इसका भुगतान करती है तो कर्मचारियो का भरोसा सरकार के प्रति सकारात्मक होगा।
सरकार का जवाब — पुरानी स्क्रिप्ट दोहराई गई
वित्त मंत्रालय (DoE) की ओर से जो प्रतिक्रिया आई, वह ज्यादा आश्चर्यजनक नहीं थी। मंत्रालय ने कहा कि:
“कोविड-19 महामारी के कारण इसको रोका गया था। इसका उपयोग कर लिया गया है। कोविड का आर्थिक प्रभाव केवल 2020-21 तक सीमित नहीं रहा। सरकारी खर्चों के कारण उसका असर आगे भी महसूस किया गया। इसलिए DA/DR के एरियर को मंज़ूरी देना फिलहाल संभव नहीं।”
साफ है कि सरकार अभी भी उसी राजकोषीय दबाव की दलील अब भी दे रही है। जबकि कर्मचारी वर्ग अब इसे अनदेखी मान रहा है।
क्या ये सिर्फ बैठक थी या कुछ संकेत भी मिले?
बैठक का मिनट्स जारी होना इस बात का संकेत हो सकता है कि सरकार अब संवाद की प्रक्रिया को औपचारिक रूप दे रही है। हालांकि यह भी सच है कि सिर्फ मिनट्स जारी कर देने से से वेतन और पेंशन नहीं बढ़ते, लेकिन यह एक दस्तावेज़ी सबूत है कि मुद्दों को दबाया नहीं जा रहा।
👇 संबंधित दस्तावेज़ की कॉपी देखने के लिए नीचे दी गई इमेज पर क्लिक करें:
📷 देखें मिनट्स की सरकारी कॉपी
(Image: संलग्न स्क्रीनशॉट में देखी जा सकती है जिसमें श्री परवीन जांगर, उप सचिव द्वारा दस्तावेज़ जारी किया गया है)
अब आगे क्या?
अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या भविष्य में 18 महीने के DA/DR पर कोई सकारात्मक घोषणा होगी, या फिर यह मुद्दा एक और बैठक तक खिंचता रहेगा। कर्मचारियों को सिर्फ यह नहीं चाहिए कि “मिनट्स” में उनका ज़िक्र हो, बल्कि उन्हें चाहिए — एक्शन।
निष्कर्ष:
23 अप्रैल की बैठक और 20 मई को जारी हुए मिनट्स इस बात का प्रमाण हैं कि सरकारी प्रक्रिया में कर्मचारियों की आवाज़ शामिल हो रही है। लेकिन असली जीत तब होगी जब ये आवाज़ वास्तविक बदलाव में बदलेगी।