केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। जनवरी 2024 में जब महंगाई भत्ता (Dearness Allowance – DA) 50% के पार पहुंच गया, तो सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप सरकार ने ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा को बढ़ा दिया है।
ग्रेच्युटी लिमिट में 25% की बढ़ोतरी
अब तक केंद्र सरकार के कर्मचारियों को सेवा समाप्ति या सेवानिवृत्ति पर अधिकतम ₹20 लाख तक ग्रेच्युटी मिलती थी। लेकिन रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार अब यह सीमा 25% बढ़ाकर ₹25 लाख कर दी गई है। यह आदेश 14 मई 2025 को जारी किया गया है और सातवें वेतन आयोग की अनुशंसाओं के आधार पर लागू किया गया है।
मुख्य बिंदु:
- पुरानी अधिकतम सीमा: ₹20 लाख
- नई अधिकतम सीमा: ₹25 लाख
- आदेश जारी करने की तिथि: 14 मई 2025
- जारी करने वाला विभाग: रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार
यह निर्णय न केवल सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के लिए राहत है, बल्कि आने वाले वर्षों में सेवा समाप्ति पर मिलने वाले लाभों को भी सुरक्षित करता है।
क्या अब DA को बेसिक वेतन में मर्ज किया जाएगा?
अब चर्चा का केंद्र यह बन गया है कि क्या सरकार 50% DA पार होने के बाद DA को मूल वेतन में मर्ज करने का फैसला लेगी? सातवें वेतन आयोग ने यह स्पष्ट रूप से सुझाव दिया था कि जब DA 50% पार करे, तो उसे बेसिक पे में जोड़ दिया जाए।
यदि ऐसा होता है तो:
- वेतन की अगली गणनाएं उच्च स्तर से होंगी,
- पेंशन और अन्य लाभों में भी इजाफा होगा,
- भविष्य की ग्रेच्युटी और पीएफ की गणना भी ज्यादा आधार पर होगी।
फिलहाल सरकार ने केवल ग्रेच्युटी सीमा बढ़ाने पर कदम उठाया है, लेकिन DA मर्ज को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं की गई है।
8वें वेतन आयोग पर अंदरूनी चर्चा शुरू
एक और बड़ी खबर यह है कि केंद्र सरकार में 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर अंदरूनी स्तर पर चर्चाएं तेज हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार, जल्द ही सरकार इस पर निर्णय ले सकती है और आधिकारिक घोषणा भी संभव है।
यदि 8वां वेतन आयोग गठित होता है, तो यह केंद्रीय कर्मचारियों के लिए वेतन में एक और बड़ी बढ़ोतरी का मार्ग प्रशस्त करेगा।
निष्कर्ष: कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए राहत भरी खबरें
ग्रेच्युटी सीमा में बढ़ोतरी, DA के मूल वेतन में मर्ज की संभावनाएं और 8वें वेतन आयोग की चर्चाएं—ये सभी संकेत सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए आने वाले समय में आर्थिक रूप से फायदेमंद साबित हो सकते हैं। आने वाले महीनों में यदि इन सभी मुद्दों पर ठोस निर्णय होता है, तो यह 1 करोड़ से अधिक कर्मचारियों व पेंशनर्स के लिए ऐतिहासिक साबित हो सकता है।

मेरा नाम एन. डी. यादव है। मुझे लेखन के क्षेत्र में 6 वर्षों का अनुभव है। मैंने अपने लेखनी के दौरान सरकारी नीतियों, कर्मचारियों और पेन्शनभोगियो के लाभ, पेंशन योजनाओं और जनकल्याणकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों को आप तक सरल और स्पष्ट भाषा में पहुंचाने का कार्य किया है।
मेरे लेखों का उद्देश्य लोगों को सही, सटीक और विश्वसनीय जानकारी प्रदान करना है। मैं अपने लेख में हमेशा यह प्रयास करता हूं कि भाषा सरल हो, जानकारी उपयोगी हो और पाठक को किसी भी विषय को समझने में कठिनाई न हो।