देश के करोड़ों पेंशनर्स आज एक सवाल पूछ रहे हैं — क्या उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने के लिए 80 वर्ष तक इंतज़ार करना चाहिए? सरकार द्वारा 80 वर्ष की उम्र पार करने पर 20% अतिरिक्त पेंशन दी जाती है, लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि कई बुज़ुर्ग इससे पहले ही दुनिया छोड़ देते हैं।
पेंशनर्स की मुख्य मांगें क्या हैं?
वर्तमान नियमों के अनुसार, केवल 80 वर्ष या उससे अधिक उम्र के पेंशनर्स को 20% अतिरिक्त पेंशन दी जाती है। लेकिन पेंशनर्स संगठनों की मांग है कि यह लाभ क्रमशः पहले से शुरू हो:
- 65 वर्ष पर 5%
- 70 वर्ष पर 10%
- 75 वर्ष पर 15%
- और 80 वर्ष पर 20%
इस मांग के पीछे एक सच्चाई है — अधिकतर बुज़ुर्ग 80 साल तक जीवित ही नहीं रह पाते। कई गंभीर बीमारियों, आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव के चलते वे पहले ही इस दुनिया से विदा हो जाते हैं।
सरकार की सुविधाएं और पेंशनर्स की ज़मीनी हकीकत
सरकार यह दावा करती है कि पेंशनर्स को कई सुविधाएं मिलती हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर उनका जीवन संघर्षों से भरा है। 60 की उम्र के बाद ही बहुत से बुज़ुर्ग बीमारियों से घिर जाते हैं। महंगाई, दवाइयों का खर्च, पारिवारिक जिम्मेदारियां और सामाजिक उपेक्षा उन्हें धीरे-धीरे तोड़ देती है।
क्या सरकार कर रही है उपेक्षा?
पेंशन कोई दया नहीं, यह उस सेवा का प्रतिफल है जो इन बुज़ुर्गों ने वर्षों तक देश को दी। लेकिन जब उन्हें सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है, तब उन्हें नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है। ऐसा लगता है मानो सरकार पेंशनर्स के मरने का इंतज़ार कर रही हो ताकि खर्चा बचे। यह केवल वित्तीय नहीं, नैतिक विफलता भी है।
उम्मीदें अब भी बाकी हैं
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई लोग एक संत और कर्मयोगी मानते हैं। पेंशनर्स को आज भी उम्मीद है कि वे इस मुद्दे को मानवीय दृष्टिकोण से देखेंगे और 65 वर्ष से ही अतिरिक्त पेंशन की शुरुआत कर पेंशनरों को न्याय दिलाएंगे।
निष्कर्ष
बुज़ुर्गों का सम्मान करना हमारी संस्कृति का हिस्सा है। अगर सरकार सच में ‘सबका साथ, सबका विकास’ चाहती है, तो पेंशनर्स की इन वाजिब मांगों को अनदेखा नहीं किया जा सकता। यह न सिर्फ़ उनकी मदद करेगा, बल्कि एक सशक्त और संवेदनशील राष्ट्र का निर्माण भी करेगा।

मेरा नाम एन. डी. यादव है। मुझे लेखन के क्षेत्र में 6 वर्षों का अनुभव है। मैंने अपने लेखनी के दौरान सरकारी नीतियों, कर्मचारियों और पेन्शनभोगियो के लाभ, पेंशन योजनाओं और जनकल्याणकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों को आप तक सरल और स्पष्ट भाषा में पहुंचाने का कार्य किया है।
मेरे लेखों का उद्देश्य लोगों को सही, सटीक और विश्वसनीय जानकारी प्रदान करना है। मैं अपने लेख में हमेशा यह प्रयास करता हूं कि भाषा सरल हो, जानकारी उपयोगी हो और पाठक को किसी भी विषय को समझने में कठिनाई न हो।
Sahi hai esko lagu karna jaruri hai
60year old after pantion 20%extention sallery is right option no 70 year old then 20%extention sallery. Pls. See on more thinking.
Yes, pensioners deserve better deal. Even, restoration of full pension should be Not after 15 yrs but 12 yrs if it’s a case of Commuted pension at the time of retirement! Many courts are in support of this demand too! Hon’ble PM will surely be kind enough to do the needful!
80वर्ष तक 10%पेंशनर भी जिन्दा नहीं रहते है
Lagu karna
Lagu karna hoga
factory ke worker retire hone ke baad 1000/ rupaya pension di jati hai,fir saari umra mahgai bhi nahi di jati,matlab jo 1000/ 20saal pahle se di ja rahi hai,vartman me uski value kya ho gayi hai
This is a very needful n a respectful must be Implemented as soon as possible
Correct but no govt giving attention for this issue problem it should be start after 60 yrs because of medical issues
It is correct that most of the pensioners leave their lives in struggle life as their is no source of income. Modern Generation also ignoring their aged parents.It will be better this increase should be after their age of 65 ,70 ,75 and 80 Yr by increasing 5% per 5 years
संवेदनशील सरकार को सोचना चाहिए कि कर्मचारी सरकार के पहिए हैं, उनकी लापरवाही घातक हो सकती है !18 मास का मंहगाई भता रोकना,सरकारी दिवालियापन है!सर्वोच्च न्यायालय 80 वें जन्म दिन पर 20%पेन्शन वृद्धि का आदेश दे चुकी है पर सरकार अडिग है !संसद सदस्यों के लिए मेहरबानपर वरिष्ठ नागरिकों की उचित मांगो का नहीं सम्मान नहीं ,क्यों ?
संवेदनशील सरकार को सोचना चाहिए कि कर्मचारी सरकार के पहिए हैं, उनकी लापरवाही घातक हो सकती है !18 मास का मंहगाई भता रोकना,सरकारी दिवालियापन है!सर्वोच्च न्यायालय 80 वें जन्म दिन पर 20%पेन्शन वृद्धि का आदेश दे चुकी है पर सरकार अडिग है !संसद सदस्यों के लिए मेहरबानपर वरिष्ठ नागरिकों की उचित मांगो का नहीं सम्मान ,क्यों ?
इस स्कीम को शीघ्र लागू करना अति आवश्यक है क्योंकि पेंशनर इस आयु मे अधिक वित्तीय समस्याओ से झूलते हैं। हमे देश के यशस्वी प्रधानमन्त्री से पूरी अपेक्षा है कि इस स्कीम को जल्दी लागू किया जाना चाहिए। धन्यावाद।