सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन से Recovery का मुद्दा: सरकार ने मंत्रालयों को दिए स्पष्ट निर्देश

सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाले लाभों में कटौती (Recovery from retirement benefits) का मुद्दा एक लंबे समय से केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। कई मामलों में देखा गया है कि रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों की ग्रेच्युटी, पेंशन या अन्य लाभों से विभागों द्वारा “भूलवश” दी गई अधिक वेतन या भत्तों की वसूली की जाती है। यह स्थिति न केवल सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए मानसिक तनाव का कारण बनती है, बल्कि इसे न्याय की दृष्टि से भी अनुचित माना गया है।

Recovery को लेकर स्टाफ साइड ने उठाई आवाज

कर्मचारी संगठनों की ओर से सरकार के समक्ष यह मांग रखी गई कि ऐसे मामलों में स्पष्ट और सख्त दिशा-निर्देश सभी मंत्रालयों और विभागों को दिए जाएं, ताकि रिटायरमेंट के समय किसी भी कर्मचारी के पेंशन या अन्य रिटायरमेंट लाभों से गलत वसूली न की जाए।

स्टाफ साइड ने यह विशेष रूप से जोर दिया कि सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों से वसूली न केवल नियमों के खिलाफ है, बल्कि यह उनकी गरिमा और वर्षों की सेवा के साथ अन्याय भी है।

पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoP&PW) का संज्ञान

इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए, पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (Department of Pension & Pensioners’ Welfare) ने जानकारी दी कि उन्होंने इस विषय पर पहले ही दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

👉 कार्यालय ज्ञापन (Office Memorandum) संख्या — दिनांक 18.10.2024 को इस विषय में स्पष्ट निर्देश सभी मंत्रालयों और विभागों को भेजे गए हैं, ताकि सेवानिवृत्ति पर किसी भी प्रकार की अनुचित रिकवरी को रोका जा सके।

अब आएंगे स्पष्ट FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

सेवानिवृत्त कर्मचारियों और विभागों की सुविधा के लिए, DoP&PW ने यह भी निर्णय लिया है कि इस विषय पर एक स्पष्ट एवं विस्तृत FAQ दस्तावेज (Frequently Asked Questions) तैयार कर जल्द जारी किया जाएगा। इस दस्तावेज में यह बताया जाएगा कि:

  • किन परिस्थितियों में Recovery वैध है और कब नहीं,
  • कौन जिम्मेदार होगा अगर Recovery अनुचित तरीके से की गई हो,
  • कर्मचारियों को क्या करना चाहिए अगर उनसे वसूली की जाए,
  • और Recovery से जुड़े कोर्ट के निर्देश क्या कहते हैं।

सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के निर्देश भी हैं अहम

यह ध्यान देना आवश्यक है कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय और विभिन्न उच्च न्यायालयों ने भी कई मामलों में यह स्पष्ट किया है कि रिटायरमेंट के समय या बाद में की गई Recovery, खासकर अगर कर्मचारी की कोई गलती न हो, तो यह अनुचित है और न्याय की भावना के खिलाफ है।

निष्कर्ष

सरकार की ओर से इस विषय पर स्पष्ट निर्देश और FAQs जारी करना पेंशनभोगियों के हित में एक स्वागतयोग्य कदम है। इससे न केवल कर्मचारियों की चिंता कम होगी, बल्कि विभागों को भी एक स्पष्ट मार्गदर्शन मिलेगा।

हमारी ओर से सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों से अनुरोध है कि वे अपने रिटायरमेंट दस्तावेजों की ठीक से जांच करें और किसी भी Recovery की स्थिति में DoP&PW के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए उचित कार्रवाई करें।

क्या आपको यह जानकारी उपयोगी लगी? अपने सहयोगियों और साथियों के साथ जरूर साझा करें।

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