देश के लाखों CGHS लाभार्थियों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। हाल ही में नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित SCOVA (Standing Committee of Voluntary Agencies) की बैठक में CGHS (Central Government Health Scheme) से जुड़ी समस्याओं को गम्भीरता से उठाया गया। इस अहम बैठक में केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों और विभिन्न पेंशनर्स यूनियनों ने हिस्सा लिया।
बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं में भारी कमी, जीवन रक्षक दवाओं की अनुपलब्धता, स्टाफ की कमी, और मेडिकल क्लेम की देरी जैसे अहम मुद्दों को खुलकर सामने लाया गया। इस पर केंद्र सरकार ने न केवल सहानुभूतिपूर्वक चर्चा की, बल्कि कई महत्वपूर्ण कदम उठाने का भरोसा भी दिलाया।
CGHS की प्रमुख समस्याएं जिन पर उठी आवाज
बैठक में देशभर से आए पेंशनर्स संगठनों ने CGHS को लेकर गहराई से जुड़े कई मुद्दों पर प्रकाश डाला। प्रमुख मांगें इस प्रकार थीं:
1. वेलनेस सेंटर में स्टाफ की भारी कमी
– पुणे, नागपुर, बेंगलुरु, चेन्नई, बालासोर, जम्मू आदि शहरों के CGHS वेलनेस सेंटरों में स्टाफ की भारी कमी है, जिससे बुज़ुर्गों को इलाज के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है।
2. नए CGHS वेलनेस सेंटर खोलने की मांग
– तेजी से बढ़ती CGHS लाभार्थियों की संख्या को देखते हुए पुडुचेरी, नागपुर, बालासोर, पुणे, बेंगलुरु, चेन्नई और जम्मू जैसे शहरों में नए सेंटर खोलने की जरूरत बताई गई।
3. जम्मू में पॉलीक्लिनिक और लैब सुविधा
– जम्मू में एक उच्चस्तरीय पॉलीक्लिनिक स्थापित करने की मांग रखी गई, जिसमें टेस्टिंग लैब भी हो ताकि स्थानीय पेंशनर्स को बाहर भटकना न पड़े।
4. जीवन रक्षक दवाएं हमेशा उपलब्ध हों
– CGHS वेलनेस सेंटरों में कई बार जरूरी दवाएं उपलब्ध नहीं होतीं। जीवन रक्षक दवाओं की निरंतर आपूर्ति की मांग की गई।
5. निजी अस्पतालों को पैनल में जोड़ने की आवश्यकता
– जहां वेलनेस सेंटर नहीं हैं, वहां के जिला मुख्यालयों में निजी अस्पतालों को CGHS से जोड़ने की अपील की गई।
6. मेडिकल बिलों की भुगतान प्रक्रिया में देरी
– पेंशनर्स को मेडिकल क्लेम की प्रतिपूर्ति के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है। इसमें तेजी लाने की सिफारिश की गई।
केंद्र सरकार ने दिए सकारात्मक संकेत
बैठक में मौजूद DG-CGHS ने सभी मुद्दों को गंभीरता से लेते हुए निम्नलिखित आश्वासन दिए:
🔹 CGHS स्टाफ की भर्ती जल्द
– SSC (Staff Selection Commission) के माध्यम से CGHS केंद्रों में जल्द नई नियुक्तियां की जाएंगी। इससे सभी वेलनेस सेंटरों में स्टाफ की कमी दूर होगी।
🔹 CGHS ढांचे का नवीनीकरण
– चेन्नई, बेंगलुरु और नागपुर के पुराने वेलनेस सेंटरों को आधुनिकीकरण किया जाएगा।
🔹 दवाओं की आपूर्ति में सुधार
– जीवन रक्षक दवाओं की लगातार उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। अब आपूर्ति पिछले वर्षों की मांग के आधार पर तय की जाएगी।
🔹 जम्मू में पॉलीक्लिनिक पर विचार
– जम्मू में पॉलीक्लिनिक स्थापित करने का प्रस्ताव सक्रिय विचाराधीन है।
🔹 नए CGHS केंद्र खोलने की संभावना
– CGHS ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लाभार्थियों की संख्या के आधार पर नए वेलनेस सेंटर खोलने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।
पेंशनभोगियों के लिए नई उम्मीद की किरण
इस बैठक से यह स्पष्ट हो गया कि सरकार पेंशनभोगियों की चिंताओं को अब केवल फाइलों में सीमित नहीं रख रही है, बल्कि नीतिगत फैसले लेकर बदलाव लाने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है। CGHS जैसी योजना जिन बुज़ुर्गों के स्वास्थ्य की रीढ़ है, उसमें सुधार न केवल ज़रूरी है, बल्कि यह उनके सम्मान और गरिमा से भी जुड़ा विषय है।
निष्कर्ष
SCOVA की यह बैठक न केवल संवाद का माध्यम बनी, बल्कि एक सकारात्मक परिवर्तन की शुरुआत भी सिद्ध हुई। यदि इन फैसलों को समयबद्ध तरीके से लागू किया गया, तो आने वाले समय में पेंशनभोगियों को सस्ती, सुलभ और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी।
यह कदम न केवल सरकार की संवेदनशीलता दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि आवाज़ उठाने से बदलाव संभव है।
अगर आप ऐसे ही सरकारी योजनाओं, CGHS, पेंशन, NPS या कर्मचारियों से जुड़ी खबरें समय पर पाना चाहते हैं, तो हमारी वेबसाइट को नियमित रूप से विज़िट करें।