हाल ही में नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित SCOVA बैठक में देश के विभिन्न हिस्सों से आए पूर्व सैनिक संगठनों और पेंशनर्स एसोसिएशनों ने SPARSH पोर्टल से जुड़ी कई गंभीर समस्याएं सामने रखीं। विशेष रूप से पुणे और चेन्नई से आए प्रतिनिधियों ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया।
क्या हैं SPARSH पोर्टल से जुड़ी प्रमुख समस्याएं?
1. अतिरिक्त पेंशन और Commutation बहाली में देरी
- कई पेंशनभोगियों की शिकायत है कि अतिरिक्त पेंशन (80 वर्ष के बाद) और Commutation की बहाली स्वचालित रूप से नहीं हो रही है।
- SPARSH पोर्टल पर डेटा अपडेट की समस्या के कारण भुगतान में देरी हो रही है।
2. NRI पेंशनर्स के लिए Digital Life Certificate (DLC) की समस्या
- विदेशों में रह रहे पेंशनर्स के लिए जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की प्रक्रिया जटिल हो गई है।
- भारतीय दूतावास के माध्यम से प्रमाणपत्र जमा करने का विकल्प तो है, लेकिन इसकी जानकारी और सुविधा दोनों सीमित हैं।
3. One Rank One Pension (OROP) मुद्दा
- OROP से संबंधित विसंगतियों और लंबित मुद्दों को भी बैठक में उठाया गया।
- पेंशनर्स ने मांग की कि इसके समाधान के लिए एक अलग और ठोस नीति तैयार की जाए।
सरकार का पक्ष: SPARSH पोर्टल की खूबियां और चुनौतियां
बैठक में MOD (Ministry of Defence) और CGDA (Controller General of Defence Accounts) के प्रतिनिधियों ने यह स्वीकार किया कि:
- नई पेंशन मामलों में SPARSH पोर्टल से प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बनी है।
- लेकिन पुराने मामलों में बैंकों द्वारा अधूरा डेटा उपलब्ध कराने के कारण कई पेंशनर्स को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
समाधान की दिशा में उठाए गए कदम:
- DLC जमा करने के लिए कई विकल्प अभी भी चालू हैं:
- भौतिक रूप से
- डिजिटल रूप से
- विदेश में रहने वालों के लिए भारतीय दूतावास के माध्यम से DLC जमा करने की सुविधा
- MOD को निर्देश दिए गए हैं कि:
- पेंशनर्स की सामान्य शंकाओं के समाधान के लिए FAQs (Frequently Asked Questions) जल्द जारी करें।
- इससे जानकारी की कमी और भ्रम की स्थिति को दूर किया जा सकेगा।
- OROP से संबंधित नीतिगत विषयों को अलग से वित्त मंत्रालय (Department of Expenditure) के साथ उठाया जाएगा।
निष्कर्ष: तकनीक में पारदर्शिता है, पर जमीनी हकीकत पर काम बाकी
SPARSH पोर्टल की शुरुआत एक डिजिटल पारदर्शी व्यवस्था के रूप में की गई थी, लेकिन पुराने पेंशनर्स, खासकर रक्षा सेवा से जुड़े वरिष्ठ नागरिकों, के लिए यह प्रणाली फिलहाल चुनौतियों से भरी लग रही है। हालांकि सरकार ने समस्याओं को स्वीकार कर सकारात्मक संकेत दिए हैं।
अब देखना होगा कि क्या मंत्रालय इन समस्याओं का समय पर समाधान कर पाता है और क्या SPARSH वास्तव में अपने नाम के अनुरूप पेंशनर्स को “संपर्क रहित सेवा” दे पाता है या नहीं।
As regards dealing with SPARSH, most of the aggrieved veterans face problems in their PPO of mismatch of data, missing data, incorrect details etc when compared with legend PPO and for this they are left helpless. They do not get replies or find status of their grievances. Notwithstanding that most of the veterans are not as tech savvy as this new system demands. It is surprising why the data which are already held correctly in their legend PPO are not posted in their newer PPO! Who is responsible for the incompetence of the data entry operator who does not do the job correctly and leaves the effected veteran helpless?