Senior Citizen के लिए रेल यात्रा में रियायतें एक समय में बहुत बड़ी राहत हुआ करती थीं। लेकिन कोविड-19 के बाद से ये रियायतें बंद कर दी गईं, और तब से इसे दोबारा शुरू करने की मांग लगातार उठती रही है। हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछे गए एक सवाल के जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस मुद्दे पर विस्तार से जानकारी दी।
पिछले 5 सालों में कितने Senior Citizen ने रेल से की यात्रा?
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 से लेकर अक्टूबर 2024 तक, भारतीय रेल से लगभग 2230.7 करोड़ यात्रियों ने यात्रा की है। इसमें वरिष्ठ नागरिकों सहित सभी आयु वर्ग के लोग शामिल हैं। हालांकि, राज्यवार या ज़िलावार आँकड़े सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं कराए गए।
Senior Citizen के लिए रेलवे में क्या-क्या सुविधाएं हैं?
भारतीय रेल द्वारा Senior Citizen को सुविधा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
- निचली बर्थ की प्राथमिकता: 60 वर्ष से ऊपर के पुरुष और 45 वर्ष से ऊपर की महिला यात्रियों को निचली बर्थ स्वतः आवंटित की जाती है।
- शयनयान और एसी डिब्बों में विशेष बर्थ कोटा: वरिष्ठ नागरिकों, गर्भवती महिलाओं और 45+ महिलाओं के लिए अलग बर्थ कोटा निर्धारित।
- लोकल ट्रेनों में अनारक्षित सीटें: उपनगरीय रूट्स पर सीनियर सिटीज़न्स के लिए आरक्षित सीटें।
- स्टेशनों पर व्हीलचेयर, बैटरी कार, रैंप, लिफ्ट और ‘Can I Help You’ बूथ की सुविधा।
- रिजर्वेशन काउंटर पर अलग लाइन/काउंटर।
रियायतें क्यों बंद हुईं?
कोविड-19 महामारी के दौरान रेलवे ने कुछ रियायतों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया था। सरकार का कहना है कि अब रेलवे प्रत्येक यात्री पर औसतन 46% सब्सिडी पहले से ही दे रही है। उदाहरण के लिए, यदि किसी सेवा की असल लागत ₹100 है, तो यात्री को वह ₹54 में उपलब्ध कराई जाती है।
इसके अलावा, 2023-24 में कुल ₹65,993 करोड़ की सब्सिडी यात्रियों को टिकट के रूप में दी गई है। इस राशि से दिव्यांगजन, मरीज और छात्र वर्गों को अब भी अतिरिक्त छूट मिल रही है।
फिर से रियायतें कब मिलेंगी?
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए रेल मंत्री ने यह स्पष्ट नहीं किया कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायतें कब फिर से शुरू होंगी। इसका अर्थ है कि फिलहाल सरकार सीनियर सिटीज़न्स को किराया रियायत देने पर प्रत्यक्ष रूप से कोई निर्णय नहीं ले रही है।
क्या उम्मीद की जा सकती है?
हालांकि, Senior Citizen और उनके संगठन लगातार मांग कर रहे हैं कि उन्हें फिर से रियायत का लाभ दिया जाए। सरकार की तरफ से जवाब में यह संकेत मिला है कि रेलवे समाज के सभी वर्गों के लिए सस्ती सेवा जारी रखने के पक्ष में है। इसलिए यह उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में यदि आर्थिक स्थिति अनुमति दे, तो सीनियर सिटीज़न्स को फिर से रियायतें मिल सकती हैं।
निष्कर्ष
रेलवे एक बार फिर रियायतों की ओर लौटेगा या नहीं, यह भविष्य की नीति और संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। लेकिन वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुविधाओं का विस्तार एक सराहनीय कदम है। साथ ही, यह स्पष्ट है कि रेलवे आज भी हर यात्री को बहुत किफायती दरों पर यात्रा की सुविधा दे रहा है।
सुझाव: अगर आप भी चाहते हैं कि वरिष्ठ नागरिकों को फिर से रेल किराए में रियायत मिले, तो अपने क्षेत्र के सांसद या उपयुक्त जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सरकार तक अपनी आवाज पहुँचाएं।
आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी ने अभी पर्यटन की नीति पर बहुत सी योजनाएं स्वीकृत की है और उन्होंने यह भी बोला है कि हर राज्य में बल्कि हर जिले में एक पर्यटन स्थल का विकास हो यह बहुत अच्छा प्रस्ताव है सामान्यतः पर्यटन में यदि वरिष्ठ नागरिक जाता है तो अकेला नहीं जाता है वह अपने परिवार को साथ लेकर जाता है इसलिए पर्यटक भी बढ़ेगा अधिक दूर नहीं तो भारत के अंदर वरिष्ठ नागरिकों को रेल टिकट में रियायत पहले की तरह दी जाती है तो इसका पर्यटन बढ़ेगा वरिष्ठ नागरिक वैसे भी अधिक बार नहीं निकलते हैं पर रिटर्न स्थलों पर काम जाते हैं इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. अदर सीनियर सिटीजन के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री जी और रेल मंत्री जी इस पर दोबारा विचार करना चाहिए. धन्यवाद